बैंकिंग सेवा महंगी: ATM में लिमिट से ज्यादा बार निकाला कैश, तो देना पड़ेगा GST

 

देश में बैंकों द्वारा ग्राहकों को दी जा रही मुफ्त सेवाएं जैसे एटीएम, चेक बुक या स्टेटमेंट इत्यादि पर जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) नहीं लगेगा. यह जानकारी सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज और कस्टम ने सवाल-जवाब के तौर पर जारी की है. हालांकि टैक्स विभाग ने कहा है कि क्रेडिट कार्ड के बकाए का लेट पेमेंट करना अथवा ईएमआई भुगतान करने में विफल होने पर बैंक जीएसटी वसूलेंगे. इसके अलावा मुफ्त सेवा के अतिरिक्त दी जाने वाली सभी सेवाओं पर जीएसटी लगाया जाएगा. कहने का अर्थ ये है कि अगर एटीएम से फ्री निकासी की लिमिट समाप्त होने के बाद कोई निकासी की जाती है तो उसपर जीएसटी लगेगा.

गौरतलब है कि बैंकिंग सुविधा पर जीएसटी में यह विवाद तब सामने आया जब वित्त मंत्रालय के दो विभाग डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज और डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू का मुफ्त सेवाओं पर जीएसटी लगाए जाने को लेकर अलग-अलग मत सामने आया. इसके बाद सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज और कस्टम ने बाकायदा सवाल-जवाब जारी करते हुए बैंकों और ग्राहकों के लिए मामले को पूरी तरह स्पष्ट करने की कोशिश की है.

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टैक्स विभाग की सफाई के बाद साफ है कि ग्राहकों को प्रति माह बैंकों द्वारा जो 3-5 एटीएम निकासी मुफ्त दिए जाते हैं, उनपर तो किसी तरह का जीएसटी नहीं लगाया जाएगा. लेकिन इस मुफ्त निकासी से इतर होने वाली निकासी टैक्स के दायरे में रहेगी. इसी तरह ग्राहकों को बैंक से मिलने वाली फ्री चेकबुक या फ्री बैलेंस स्टेटमेंट पर जीएसटी नहीं लगेगा. लेकिन फ्री सुविधा से इतर बैंक चार्ज देते हुए चेकबुक और स्टेटमेंट प्राप्त करने पर जीएसटी देय होगा.

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टैक्स विभाग के सवाल जवाब के मुताबिक यदि बैंक अपने ग्राहकों को किसी भी सेवा के लिए सर्विस चार्ज पर डिस्काउंट देता है तो ऐसी स्थिति में कुल सर्विस चार्ज से डिस्काउंट को घटाकर ही जीएसटी वसूला जाएगा. इस फैसले के चलते बैंक द्वारा कस्टमर केयर, ब्रांच विजिट, बैंक ड्राफ्ट, मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग इत्यादि सेवाओं के लिए जीएसटी देय होगा. गौरतलब है कि बैंक अपने ग्राहकों को अलग-अलग दर पर चार्ज लगाते हैं. आमतौर पर बैंक महत्वपूर्ण ग्राहकों को अधिक डिस्काउंट देते हैं जिससे उनका खाता बैंक के साथ लगातार चलता रहे. अब जीएसटी की नजर ऐसे खातों पर भी रहेगी.

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