मुंगेर में चार बच्चियों को उनकी मां ने घर से निकाला

लावारिस ओके तरह जिंदगी गुजारना पड़ रहा है उन चार छोटी बच्चियों की उम्र है बेहद का

मुंगेर में निर्दई मां ने अपनी चार बच्चियों को दिखाया घर से बाहर का रास्ता बेटे रखा अपने साथ

बच्चियों

मुंगेर में मिली चार बच्चियों को बेटी होने की सजा, कहते है कि एक मा  कभी अपने बच्चों के बीच फर्क नहीं कर सकते हैं मां के लिए बच्चे सर्वोपरि होते हैं लेकिन यह कलयुग है यह इमोशंस नहीं बल्कि बेनिफिट देखे जाते हैं जी हां मुंगेर का एक ताजा मामला सामने आया है जहां एक मां ने अपनी चार बेटियों को घर से बाहर निकाल दिया उनकी मां ने उन्हें लाबारिशों की तरह रहने को मजबूर कर दिया है आपको बता दें कि यह 4 बच्चियां पंजाब से भटकते भटकते मुंगेर आ पहुंची जहां इनकी मां किराए के मकान में रहती थी। दरअसल इनके पिता का पिछले साल देहांत हो गया था जिसके बाद घर की माली हालत काफी खस्ता थी घर में खाना खाने तक को कुछ नहीं था इसीलिए इन चारों बच्चों की मां ने किसी दूसरे से शादी कर ली आपको बता दें कि इन चारों बच्चियों की का एक भाई भी है। मां की दूसरी शादी करने के बाद यह सभी परिवार पंजाब चले गए जहां पर इनकी मां ने इनको कहा कि तुम्हारे नए पिता ने हमारी जिम्मेदारी ली है तुम लोगों की नहीं इसीलिए तुम लोग यहां से मुंगेर चले जाओ जब मैं आऊंगी तब कुछ करूंगी। महज ₹400 बच्चियों को देखकर उन्हें पंजाब से क्यूल जाने वाली ट्रेन में उनके नए पिता ने बैठा दिया। आपको बता दें कि इन चार बच्चियों में जो सबसे बड़ी है उसकी उम्र महज 13 वर्ष है वहीं दूसरी की उम्र 10 वर्ष है वही तीसरी बची महज 5 साल की है वही सबसे छोटी जो है वह 1 साल की है और बता दे कि इनका भाई 7 साल जिसे इनकी मां ने रख लिया।आपको बता दें कि बच्चियों में से सबसे बड़ी जिसका नाम मंजू है उसने बताया कि पिछले साल उनके पिता का देहांत हो गया जिसके बाद उनकी मां ने दूसरी शादी कर ली यह अपने नए पिता के साथ पंजाब गए जहां पढ़ने पिता ने मां से कहा कि उन्होंने उसकी जिम्मेदारी ली है हमारी नहीं इसीलिए हमारे नए पिता ने हमें पंजाब से क्यूल आने वाली ट्रेन में बिठा दिया। मुंगेर देखा हुआ था इसीलिए हम लोग यहां आ गए जहां हमारी मां किराए के मकान पर रहते थे लेकिन मकान मालिक ने भी हमें वहां रहने नहीं दिया। आपको बता दें की अचार बच्चियां पिछले 1 महीने से मंदिर में रह रही हैं जहां पर गांव वाले ने खाने के लिए कुछ दे दिया करते थे जिनसे इनका गुजारा हो जाया करता था पर अब गांव वालों ने भी मुंह फेर लिया।                         इन चारों बच्चों में से सबसे बड़ी संजू ने बताया कि उन्हें याद था कि उनकी मां के भावी बासुदेवपुर ओपी क्षेत्र अंतर्गत नया गांव के इलाके में रहती है इसीलिए घूमते घूमते वह यहां तक चली आई यहां के लोगों ने उसे रोक लिया अब उसे याद भी नहीं है कि उसकी मां की भाभी कहां रहती है आपको बता दें कि यह कहते-कहते चारों बच्चियां एक दूसरे को पकड़ कर रोने लगी। इसके साथ ही आपको बता दें कि इन भटकी हुई बच्चियों को नया गांव के लोगों ने बजरंगबली चौक पर रात के 9:00 बजे देखा पूछने पर चारों बहनों ने अपनी आपबीती बताई स्थानीय लोगों ने बच्चे को खाना पीना दिया और स्थानीय बासुदेवपुर पुलिस को सूचना दी। आपको बता दें कि इस संबंध में वसुदेव पूर्व की अध्यक्ष एस बी गुप्ता ने बताया कि 4 बच्चियों ने भटक कर आने की सूचना मिली है पूछताछ की जा रही है लावारिस होने पर इन्हें चाइल्डलाइन को सौंप दिया जाएगा।

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